नई दिल्ली, साल 2011 में दिल्ली के रामलीला मैदान में अपने 13 दिन के अनशन के जरिए हिंदुस्तान में क्रांति की एक नई अलग जगाने वाले सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने केंद्र की सत्ता पर काबिज भारतीय जनता पार्टी पर तंज कसते हुए कहा है कि उसके नेताओं को लोकपाल से नफरत हो गई है कि बीते छह दिन में अनशन के दौरान अन्ना का वजन करीब सवा चार किलोग्राम कम हो गया है। वह लोकपाल की नियुक्ति को लेकर अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठे हैं। हजारे के स्वास्थ्य को लेकर चिंताएं बढ़ने के बीच, शिवसेना और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार से हजारे का जीवन बचाने के लिए हस्तक्षेप करने की मांग राखी।
ज्ञात हो कि लोकपाल एवं लोकायुक्त नियुक्ति और किसानों के मुद्दों को लेकर महाराष्ट्र के अहमदनगर में अपने पैतृक गांव रालेगण सिद्धि में 30 जनवरी को अनशन शुरू किया था। अन्ना ने इस बार में कहा, ‘लोकपाल और लोकायुक्त के मेरे रामलीला मैदान आंदोलन के दौरान पूरा देश मेरे साथ खड़ा हुआ, एक माहौल बना। यही कारण है कि आप भाजपा में आए। अब आप उन लोगों से धोखा कर रहे हैं, जो आपको सत्ता में लेकर आए।
अनशन के बाद चार किलो घट गया है अन्ना का वजन
अन्नाहजारे ने कहा, ‘अरुण जेटली और सुषमा स्वराज जैसी नेताओं ने कभी संसद में लोकपाल की मांग का पुरजोर बचाव किया था लेकिन सत्ता में आने के बाद वे इस पर चुप हैं। लगता है कि उन्हें लोकपाल और लोकायुक्त से नफरत हो गई है। आंदोलन से वे सत्ता में आए लेकिन वे इसे भूल गए हैं।’ हजारे को देखने वाले डॉक्टर धनन्जय पोटे ने सोमवार कहा, ‘अन्ना का वजन अब 71.1 किलोग्राम है और अनशन शुरू करने के समय से उनका सवा चार किलोग्राम वजन घट चुका है। उनका रक्तचाप भी अनशन के कारण बढ रहा है।’
गांव वालों ने अन्ना के स्वास्थ्य पर नजर रखने और प्रतिदिन रिपोर्ट तैयार करने के लिए पोटे से कहा है। सरकारी अधिकारियों सहित कई लोगों ने बीते छह दिन में हजारे से बात करके उनसे अनशन खत्म करने को कहा है। एमएनएस प्रमुख राज ठाकरे और जल पुरुष नाम से विख्यात राजेंद्र सिंह ने सोमवार को हजारे से मुलाकात की और उनके आंदोलन को अपना समर्थन दिया। ठाकरे ने हजारे से कहा कि वह ‘बेकार’ सरकार के लिए अपने जीवन का बलिदान ना दें। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने उनसे समाजवादी नेता जयप्रकाश नारायणन की तरह भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व करने को कहा। उद्धव ने रविवार को हजारे के आंदोलन को समर्थन दिया था।
गौरतलब है कि अन्ना हजारे यह भी चेतावनी दे चुके हैं कि अगर मोदी सरकार ने अपने वादे पूरे नहीं किए तो वह पद्म भूषण पुरस्कार वापस कर देंगे। राज ठाकरे ने हजारे से अपना विरोध प्रदर्शन समाप्त करने और बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार को ‘दफन’ करने के लिए उनके साथ मिलकर राज्य का दौरा करने का अनुरोध किया। राज ठाकरे और अन्ना ने यादव बाबा मंदिर परिसर के एक बंद कमरे में 20 मिनट बैठक की। बैठक के बाद ठाकरे ने हजारे के प्रदर्शन स्थल पर मौजूद लोगों को संबोधित किया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार पर देश को धोखा देने और अपनी ही पार्टी के चुनावी घोषणापत्र को पूरा नहीं करने का आरोप लगाया।
राज ठाकरे ने कहा, ‘मैंने अन्ना से अपील की है कि वह इस बेकार सरकार के लिए अपने जीवन का बलिदान नहीं दें। मैंने उनसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके किसी वादे पर भरोसा नहीं करने को कहा है। मोदी ने 18 दिसंबर 2013 को लोकपाल विधेयक के समर्थन में ट्वीट किया था। मोदी सरकार के पांच साल पूरे हो चुके हैं लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई काम नहीं हुआ। साल 2013 में अन्ना के आंदोलन के कारण ही आज लोग सत्ता में हैं। उन्हें यह भूलना नहीं चाहिए।’
राज ठाकरे ने साधा केजरीवाल पर निशाना
ठाकरे ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को आड़े हाथ लेते हुए कहा, अरविंद केजरीवाल को अन्ना के आंदोलन के कारण पूरा देश जानता है। अब वह सत्ता में है और अन्ना के स्वास्थ्य के प्रति कोई चिंता व्यक्त नहीं कर रहे यह निंदनीय है।’ अन्ना हजारे के अनिश्चितकालीन अनशन और पद्म भूषण पुरस्कार लौटाने की चेतावनी देने के बाद महाराष्ट्र के सीएम देवेन्द्र फडणवीस ने सोमवार को बुजुर्ग गांधीवादी नेता से अनशन खत्म करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि सरकार ने उनकी लगभग सभी मांगें मान ली हैं।
अपने राजनीतिक विरोधियों पर प्रहार करते हुए फडणवीस ने कहा कि हजारे को पहले उन लोगों के बयान याद करने चाहिए, जो आज उनका समर्थन कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘हम अन्ना से आग्रह करते हैं कि अनशन खत्म करें। हमने उनकी लगभग सभी मांगें मान ली हैं और खासकर लोकायुक्त के गठन से संबंधित मांग को स्वीकार कर लिया है ।