नई दिल्ली। मोदी सरकार ने अपने पांच साल के कार्यकाल का आखिरी बजट पेश करते हुए कई सौगातों की बौछार की है। मोदी सरकार ने असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले कामगारों के लिए मात्र 100 रुपये प्रति महीने के योगदान से 60 साल से ऊपर सभी कामगारों को 3000 रुपये प्रतिमाह पेंशन देने की घोषणा की गई है। असंगठित क्षेत्र के मजदूरों की सामाजिक सुरक्षा की दिशा में यह मोदी सरकार का महत्वपूर्ण कदम है।
कामगार 100 रुपये प्रतिमाह का भुगतान कर प्राप्त कर सकते हैं पेंशन का लाभ
असंगठित मजदूरों की सामाजिक सुरक्षा की दिशा में मोदी सरकार का महत्वपूर्ण कदम
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने यह घोषणा करते हुए कहा कि असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले मजदूरों का देश को बनाने में अहम योगदान होता है. इसके लिए मोदी सरकार ने प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना की घोषणा की है. यह एक पेंशन स्कीम है जिसके तहत असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले 60 वर्ष से ऊपर से कामगारों को 3000 रुपये का मासिक पेंशन देना सुनिश्चित किया जाएगा. उन्होंने बताया इस पेंशन का लाभ सभी कामगार 100 रुपये प्रतिमाह का भुगतान कर प्राप्त कर सकते हैं.
पीयूष गोयल ने कहा कि मोदी सरकार ने शुरू से ही महिलाओं, खास तौर पर ग्रामीण महिलाओं के जीवन में अमूल चूल परिवर्तन लाने की दिशा में काम किया है. जिसके तहत सरकार ने स्वच्छ ईंधन मुहैया कराने के लिए उज्जवला योजना के तहत 8 करोड़ एलपीजी कनेक्शन का लक्ष्य रखा, जिसमें से 6 करोड़ कनेक्शन दिए जा चुके हैं. इसके अलावा गर्भवती महिलाओं के लिए मातृवंदना योजना लागू की गई. गोयल ने कहा कि गांवों की आत्मा को बरकरार रखते हुए उसका समुचित विकास इस सरकार का ध्येय रहा है. इसके तहत आज प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के जरिए हर गांव में पक्का रास्ता पहुंचाने की गति में तीन गुना वृद्धि आई है. इसके अलावा स्वच्छ भारत मिशन को देश की जनता ने आंदोलन के तौर पर लिया और उनके व्यवहार में क्रांतिकारी बदलाव आया है. इस योजना के तहत 98 फीसदी ग्रामीण भारत कवर किया जा चुका है. वहीं 5.45 लाख गांव खुले में शौच से मुक्त हो चुके हैं. पीयूष गोयल ने कहा कि पहले देश का गरीब सोचता था कि वे अपने कमाई का खर्च रोजमर्रा की जरूरतों पर करे या अपने परिवार से इलाज पर. लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुनिया की सबसे बड़ी हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम लॉन्च की जिसका लाभ देश के 50 करोड़ गरीब परिवारों को मिलेगा. गोयल ने कहा कि यह बताने में खुशी हो रही है कि इस स्कीम के तहत 10 लाख लोगों का इलाज हो चुका है. जिससे गरीबों का कुल 3000 करोड़ रुपया इलाज पर खर्च होने से बचा है. उन्होंने कहा कि सरकार ने सामाजिक न्याय मंत्रालय और नीति आयोग के तहत घुमंतू और अर्ध घुमंतू वर्ग को चिंहित करने के लिए एक कमेटी का गठन किया है. जिसका का काम इनकी पहचान करना होगा. ताकि एक जगह स्थाई न रहने वाले ये लोग भी सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सके.