एग वाइट को दुनियाभर में प्रोटीन का सबसे अच्छा और हेल्दी सोर्स माना जाता है। लेकिन चूंकि अंडे, मुर्गियों से आते हैं इसलिए ज्यादातर लोग उसे मांसाहार समझते हैं और बहुत से लोग सिर्फ इस वजह से भी अंडे नहीं खाते क्योंकि उन्हें ऐनिमल वेल्फेयर की चिंता होती है या फिर सबसे सिंपल कारण ये है कि आप शाकाहारी हैं और आपके लिए अंडा मांसाहार है। लेकिन अब इन सब समस्याओं को दूर करने के इरादे से प्लांट्स यानी पौधों से अंडे बनाने की कोशिश की जा रही है।
अंडों के विकल्प का मार्केट बड़ी तेजी से बढ़ रहा है बावजूद इसके असली अंडों को मार्केट से हटाना आसान नहीं होगा। एग वाइट यानी अंडे की सफेदी को जब उसके शाकाहारी प्रतिद्वंदी मट्ठा, सोया और मटर से तुलना की जाती है तो अंडे की सफेदी प्रोटीन का सबसे बेहतरीन और लाइट सोर्स बनकर उभरता है। ज्यादा फूड मैन्युफैक्चर्स भी अंडों पर ही भरोसा करते हैं कि अंडे में नेचुरल प्रोटीन होता है जो घुलनशील होने के साथ-साथ फ्लेवरलेस भी होता है।
मूंग से बना लिक्विड एग सब्सिट्यूट
नॉन एग के क्षेत्र में एक बड़ी कंपनी ने पिछले साल अपना लिक्विड एग सब्सिट्यूट लॉन्च किया था जो पूरी तरह से mung beans यानी मूंग से बने प्रोटीन से बना हुआ था। कंपनी का दावा है कि उन्होंने इस प्लांट बेस्ड लिक्विड एग सब्सिट्यूट की अमेरिका में अब तक अच्छी खासी बिक्री कर ली है बावजूद इसके अभी लंबा सफर तय करना बाकी है।
अंडों को रिप्लेस करने के कई तरीके
प्लांट बेस्ड फूड्स असोसिएशन की एक्जेक्यूटिव का कहना हैं, ‘फूड सप्लाई में ग्राहक को बताए बिना चुपचाप अंडों को रिप्लेस करने के कई तरीके हैं। बहुत से लोगों को इस बात से फर्क नहीं पड़ता कि उनके केक में अंडा है या नहीं, उन्हें सिर्फ अपना केक बाउंसी और फ्लफी चाहिए। आप चाहें तो तैयार प्रॉडक्ट में कोई सामग्री बदल दें जिसे कन्ज्यूमर शायद नोटिस भी न करे।’
वैसे तो ज्यादातर लोग अंडे को मांसाहारी खाना मानते हैं लेकिन ऐसे ढेरों फैक्ट्स हैं जो इस कथन का समर्थन नहीं करते। अगर हम इस परिभाषा से चलें कि जो लोग मांस खाते हैं वे मांसाहारी होते हैं तो अंडा निश्चित रूप से शाकाहारी हुआ क्योंकि इसमें न तो कोई मांस होता है ना ही कोई लाइफ।