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पहले चरण में देश की 91 सीटों पर डालें गए वोट, 66% रहा मतदान

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नई दिल्ली। पहले चरण में 18 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों की 91 सीटों पर 66% वोटिंग हुई। चुनाव आयोग कई राज्यों का सिर्फ 5 बजे तक का वोटिंग प्रतिशत दे सका। 2014 में इन 91 सीटों पर करीब 72% वोटिंग हुई थी। इसके साथ ही देश के 10 राज्यों में चुनाव खत्म हो गया है। इन राज्यों में 68।71% वोटिंग हुई। 2014 में इन 10 राज्यों की 56 सीटों पर 75।05% वोटिंग हुई थी। 4% वोटिंग बढ़ने का फायदा भाजपा को हुआ। इससे 2014 में भाजपा ने उन राज्यों में भी खाता खोल लिया, जहां पहले उसका सांसद नहीं था। उसे 10 सीटों पर जीत मिली थी। कांग्रेस को सिर्फ 6 सीटों पर जीत मिली थी। 40 सीटें क्षेत्रीय दलों को मिली थीं।

2014 में वोटिंग प्रतिशत बढ़ने से इन सीटों पर बीजेपी की 25 सीटें बड़ी थी
जिन 91 सीटों पर गुरुवार को वोटिंग हुई, 2009 के आम चुनाव में भाजपा ने उनमें से सिर्फ 7 और कांग्रेस ने 55 सीटें जीती थीं। 2014 में इन 91 सीटों पर करीब 72% वोटिंग हुई थी। मतदान में इजाफा होने से तस्वीर बदल गई। कांग्रेस 7 सीटों पर सिमट गई, जबकि भाजपा 25 सीटों की बढ़त के साथ 32 तक पहुंच गई थी। टीडीपी को 16 और टीआरएस को 11 सीटें मिलीं थीं।

यूपी की 8 सीटों पर 2014 की मुकाबले 3 फीसदी कम वोटिंग
पहले फेज में यूपी की 8 सीटों पर 63.69% वोटिंग हुई। 2014 में इन सीटों पर 66.52% वोटिंग हुई थी। पिछली बार वोटिंग बढ़ने से भाजपा ने सभी 8 जीतीं थीं। जबकि, 2009 में उसे सिर्फ 2 सीट मिली थी।
सबसे ज्यादा 82% वोटिंग त्रिपुरा में हुई। कुल 1279 उम्मीदवार मैदान में थे। 14 करोड़ 20 लाख 54 हजार 978 लोगों ने वोट डाला। इनमें 7 करोड़ 21 लाख पुरुष मतदाता, 6 करोड़ 98 लाख महिला मतदाता हैं। इनके लिए 1.70 लाख मतदान केंद्र बनाए गए।
वहीं, आंध्रप्रदेश विधानसभा की सभी 175, अरुणाचल प्रदेश की सभी 60, सिक्किम की सभी 32 और ओडिशा की 147 में से 28 विधानसभा सीटों के लिए भी वोटिंग हुई।

कहां-कितना मतदान?
राज्य कितनी सीटों पर वोटिंग 5 बजे तक 2014 में वोटिंग
उप्र 8 63.69% 66.52%
बंगाल 2 81% 82.96%
बिहार 4 53.06% 83%
उत्तराखंड 5 58% 60.7%
तेलंगाना 17 61% 71.17%
ओडिशा 4 70% 74.6%
असम 5 68% 78.6%
मणिपुर 1 78.2% 84.2%
मिजोरम 1 61.29% 61.95%
नगालैंड 1 78.76% 87.91%
मेघालय 1 67.16% 70.67%
त्रिपुरा 1 81.8% 86.17%
लक्षद्वीप 1 66% 86.62%
महाराष्ट्र 7 56% 64.15%
कश्मीर 2 54.49% 53.5%
आंध्रप्रदेश 25 73% 78.9%
सिक्किम 1 69% 83.64%
अरुणाचल 2 66% 79.88%
छत्तीसगढ़ 1 56% 59.32%
अंडमान 1 70.67% 70.67%

1.महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में मतदान खत्म होने के बाद नक्सलियों ने कमांडो दस्ते पर हमला किया। इसमें तीन जवान घायल हो गए। बीते दो दिन में नक्सलियों ने तीन हमले किए।

2.आंध्र के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने मतदान के बाद कहा कि चुनाव आयोग ने अधिकारियों के तबादले किए, लेकिन वे गर्मी के मौसम में ईवीएम और वीवीपैट को नहीं संभाल पाए।

3.बसपा नेता सतीश चंद्र मिश्रा का आरोप- पुलिस और प्रशासन ने दलित समुदाय के लोगों को वोट डालने से रोका। कुछ मतदान केंद्रों पर ईवीएम में हाथी का बटन दबाने पर वोट कमल (भाजपा) को जा रहा था।

4.आंध्रप्रदेश के अनंतपुर में वोटिंग के दौरान झड़प में तेदेपा नेता एस भास्कर रेड्डी की मौत।

5.आंध्रप्रदेश के अनंतपुर में जन सेना के उम्मीदवार मधुसूदन गुप्ता ने ईवीएम तोड़ दी। पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।

6.मुजफ्फरनगर के भाजपा प्रत्याशी संजीव बलियान ने बुर्का पहनकर आ रही महिलाओं का चेहरा नहीं जांचने को लेकर आपत्ति की। उन्होंने फेक वोटिंग की आशंका व्यक्त की।

7.छत्तीसगढ़ के नारायणपुर में नक्सलियों ने आईईडी ब्लास्ट किया। हालांकि, किसी भी तरह का कोई नुकसान नहीं हुआ।

8.बागपत के बड़ौत में वोट डालकर आने वाले लोगों पर एनसीसी कैडेट्स ने फूल बरसाए।

33 सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला
पहले चरण में 91 में से 33 लोकसभा सीटें ऐसी हैं, जहां सीधा मुकाबला भाजपा-कांग्रेस या एनडीए-यूपीए के बीच है। इनमें सबसे ज्यादा 7 सीटें महाराष्ट्र की हैं। पांच-पांच सीटें असम और उत्तराखंड और चार सीटें बिहार की हैं। वहीं, 35 ऐसी सीटों पर भी वोट डाले जाएंगे तीन से चार मुख्य दलों के प्रत्याशी आमने-सामने हैं। इनमें सबसे ज्यादा 25 सीटें आंध्र की हैं। वहां तेदेपा, वाईएसआरसीपी, भाजपा और कांग्रेस के बीच मुकाबला है। आंध्र में 3 करोड़ 93 लाख वोटर हैं। वहीं, 8 सीटें उत्तर प्रदेश की हैं, जहां भाजपा, कांग्रेस के अलावा सपा-बसपा-रालोद ने अपना संयुक्त उम्मीदवार उतारा है।

पहला चरण : किन सीटों पर भाजपा-कांग्रेस या एनडीए-यूपीए में मुख्य मुकाबला
राज्य सीटें
महाराष्ट्र वर्धा, रामटेक, नागपुर, भंडारा-गोंदिया, गढ़चिरौली-चिमूर, चंद्रपुर, यवतमाल-वाशिम (सीटें- 7)
असम तेजपुर, कलियाबोर, जोरहाट, डिब्रूगढ़, लखीमपुर (सीटें- 5)
उत्तराखंड टिहरी गढ़वाल, गढ़वाल, अल्मोड़ा, नैनीताल-उधमसिंह नगर, हरिद्वार (सीटें- 5)
बिहार औरंगाबाद, गया, नवादा, जमुई (सीटें- 4)
जम्मू-कश्मीर जम्मू, बारामूला (सीटें- 2)
अरुणाचल अरुणाचल पश्चिम और पूर्व (सीटें- 2)
मेघालय शिलॉन्ग, तुरा (सीटें- 2)
छत्तीसगढ़ बस्तर (सीटें- 1)
मणिपुर बाहरी मणिपुर (सीटें- 1)
मिजोरम मिजोरम (सीटें- 1)
नगालैंड नगालैंड (सीटें- 1)
अंडमान अंडमान निकोबार (सीटें- 1)
लक्षद्वीप लक्षद्वीप (सीटें- 1)
कुल 33

इन सीटों पर तीन या उससे ज्यादा दलों के बीच मुकाबला
राज्य सीटें किनके बीच मुकाबला
उत्तर प्रदेश 8 भाजपा, कांग्रेस, सपा-बसपा-रालोद : सहारनपुर, कैराना, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, मेरठ, बागपत, गाजियाबाद, गौतम बुद्धनगर में
आंध्र 25 तेदेपा, वाईएसआरसीपी, कांग्रेस, भाजपा
बंगाल 2 तृणमूल, भाजपा, लेफ्ट, कांग्रेस : कूच बिहार और अलीपुरद्वार में
कुल 35


यहां भाजपा या कांग्रेस का अन्य क्षेत्रीय दलों से मुकाबला
राज्य सीटें किनके बीच मुकाबला
तेलंगाना 17 टीआरएस, कांग्रेस
ओडिशा 4 बीजद, भाजपा
सिक्किम 1 एसडीएफ, भाजपा
त्रिपुरा 1 भाजपा, सीपीएम
कुल 23
इन 91 सीटों पर पिछले दो चुनावों की स्थिति
2009 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने इन 91 में से 7 और कांग्रेस ने 55 सीटें जीती थीं। 2014 में यह तस्वीर बदल गई। कांग्रेस 7 सीटों पर सिमट गई, जबकि भाजपा को 25 सीटों का फायदा हुआ और वह 32 के आंकड़े तक पहुंच गई। पहले चरण की इन 91 सीटों पर पिछली बार कांग्रेस से ज्यादा सफल तेदेपा (16) और टीआरएस (11) रही थी।

पहले चरण की बड़ी सीटें-

नागपुर, महाराष्ट्र
यहां केंद्रीय मंत्री और भाजपा के पूर्व अध्यक्ष नितिन गडकरी और कांग्रेस के नाना पटोले के बीच मुकाबला है। पटोले 2017 में भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आ गए थे। नागपुर में दलित और मुस्लिम मतदाताओं की अहम भूमिका है। कुनबी और बंजारा समुदाय के वोटर भी हैं जो निर्णायक साबित हो सकते हैं। यहां राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का मुख्यालय है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी इसी शहर से हैं।


चंद्रपुर, महाराष्ट्र
केंद्रीय मंत्री मंत्री हंसराज अहीर यहां से सांसद हैं। वे लगातार चौथी बार चुनाव मैदान में हैं। उनका मुकाबला शिवसेना छोड़कर कांग्रेस में आए सुरेश धनोरकर से है।

गया, बिहार
यहां से जदयू के विजय मांझी मैदान में हैं। उनके खिलाफ राजद-कांग्रेस-हम-रालोसपा के महागठबंधन से पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी हैं। इस सीट पर 3 लाख मांझी, 2 लाख मुस्लिम और इतने ही यादव वोटर हैं। गया सीट भाजपा का गढ़ रही है।

जमुई, बिहार
यहां से चिराग पासवान फिर से लोजपा से किस्मत आजमा रहे हैं। उन्हें उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी रालोसपा के भूदेव चौधरी टक्कर दे रहे हैं। इस सीट पर महादलित समाज के वोटर ज्यादा हैं।

मुजफ्फरनगर, उत्तर प्रदेश
इस सीट पर 2013 दंगों के बाद जाट और मुस्लिम समुदाय अलग हो गया था। इसकी वजह से 2014 में यह सीट भाजपा के खाते में आ गई थी। अब 5 साल बाद हालात बदले हैं। यहां से अजीत सिंह मैदान में हैं। 2014 में वे अपने गढ़ बागपत में हार गए थे। उनका मुकाबला भाजपा के संजीव बालियान से है।

बागपत, उत्तर प्रदेश
यह सीट चौधरी अजीत सिंह का गढ़ रही है। पिछली बार उन्हें मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर सत्यपाल सिंह ने हरा दिया था। सिंह इस सीट पर दोबारा भाजपा उम्मीदवार हैं। इस बार उनका मुकाबला अजीत सिंह के बेटे जयंत चौधरी से है।

गाजियाबाद, उत्तर प्रदे
केंद्रीय मंत्री और पूर्व सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह इस सीट से दोबारा चुनाव लड़ रहे हैं। इस बार उनका मुख्य मुकाबला सपा के सुरेश बंसल से है।

गौतम बुद्ध नगर, उत्तर प्रदेश
केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा यहां से दूसरी बार चुनाव लड़ रहे हैं। कांग्रेस ने अरविंद कुमार सिंह और सपा-बसपा-रालोद ने सतवीर को टिकट दिया है।

निजामाबाद, तेलंगाना
इस सीट से टीआरएस प्रमुख और मुख्यमंत्री केसीआर की बेटी के। कविता लड़ रही हैं। उनके खिलाफ कांग्रेस ने मधुसूदन को टिकट दिया है।

हैदराबाद
इस सीट पर एक बार फिर मौजूदा सांसद एआईएमआईएम के नेता असदउद्दीन ओवैसी मैदान में हैं। उनके खिलाफ टीआरएस ने पी। श्रीकांत को टिकट दिया है।

तुरा, मेघालय
यहां से पूर्व लोकसभा स्पीकर की बेटी अगाथा संगमा एनपीपी के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं। उनका मुकाबला कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री मुकुल संगमा से है।

हरिद्वार, उत्तराखंड
इस सीट से पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक मैदान में हैं। उनके खिलाफ कांग्रेस के अंबरीश कुमार मैदान में हैं।

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