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पुलवामा हमला: किस्मत से बची थी इस जवान की जान, सभी ने मान लिया था शहीद

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नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकी हमला हुआ था जिसमें 40 जवान शहीद हुए थे। इस हमले में अपने साथियों को खोने का दुख अन्य जवानों के चेहरे पर साफ दिखाई दे रहा है।


वहीं, एक जवान ऐसा भी है जिसे उसके साथी खुशकिस्मत मान रहे हैं और ये कह रहे हैं कि सुरिंदर को भगवान ने दूसरी जिंदगी दी है। कांस्टेबल सुरिंदर यादव भी उसी बस में अपने साथियों के साथ थे लेकिन किस्मत ने इस जवान का साथ दिया और फिदायीन हमले ये जवान बच गया।

सीआरपीएफ जवान को ऐसे मिली नई जिंदगी सीआरपीएफ की उस बस में 45वीं बटालियन के 5 जवानों में से केवल सुरिंदर ही बच पाए। सभी जवान सुरिंदर को यह कह रहे हैं कि उसे दूसरी जिंदगी मिली है। सुरिंदर के अनुसार, जब जम्मू से आगे काजीगुंड में बस रुकी तो एक साथी ने दूसरी बस में बैठने के लिए बुला दिया.. ‘मैं तीन दिनों तक बहुत रोया लेकिन सभी ने मुझे समझाया कि उन्हें दूसरी जिंदगी मिली है।’

देवरिया जिले के रहने वाले हैं सुरिंदर उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के रहने वाले सुरिंदर यादव का नाम भी उस बस में सवार जवानों की सूची में शामिल था जिसके कारण लोगों ने उनको शहीद मान लिया था लेकिन उन्होंने काजीगुंड में बस बदल दी और इस आतंकी हमले में वे बच गए। उस हमले के बारे में बताते हुए सुरिंदर रो पड़े, उन्होंने बताया कि जिस बस को निशाना बनाया गया वे उससे पीछे की तीसरी बस में अपने कुछ दोस्तों के साथ थे। अचानक विस्फोट की आवाज सुनाई दी तो एक आग का बड़ा गोला उठा और बस करीब 30 फीट हवा में उछल गई, उस बस के टुकड़े दूर-दूर तक फैल गए।


उस बस से उतरकर दूसरी बस में सवार हो गए थे सुरिंदर सुरिंदर ने बताया कि उस बस में उनके चार दोस्त थे जो हमले में शहीद हो गए। सुरिंदर ने बताया कि जम्मू से निकलने पर उन्हें दो बसों का नंबर मिला तो वे पहली बस में बैठ गए और उनके दोस्त दूसरी बस में, लेकिन जब बस काजीगुंड में रुकी तो दोस्तों ने साथ बैठने को कहा तो वे दूसरी बस में सवार हो गए और इस तरह वे बच गए। सुरिंदर कहते हैं, हमें सदमे से बाहर निकलकर आतंकियों के खिलाफ जंग जारी रखते हुए बदला लेना है। इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हुए थे।

आतंकी हमले में 40 जवान शहीद हुए थे सीआरपीएफ के 45वीं बटालियन के कमाडिंग अफसर इकबाल अहमद ने बताया कि, जिस बस को निशाना बनाया गया उसमें उनकी बटालियन के 5 जवान थे। इकबाल अहमद ने बताया कि अधिक जानकारी मालूम करने पर पता चला कि उन 5 में से एक जवान दूसरी बस में चला गया था। इसी कारण वो बच गया जबकि बाकी के चार शहीद हो गए।

भारत ने पाक पर बनाया दबाव सीआरपीएफ के 40 जवानों के शहीद होने के बाद हर तरफ लोगों में पाकिस्तान के खिलाफ गुस्सा है। पुलवामा हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग करने की कोशिश शुरू कर दी है। भारत ने पाक से मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा वापस ले लिया है और भारत विश्व के बड़े देशों के साथ मिलकर पाकिस्तान पर दबाव बना रहा है ताकि पाक अपनी जमीन से संचालित होने वाली आतंकी गतिविधियों पर रोक लगाए।

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