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श्रीलंका सीरियल ब्लास्ट के पीछे ISIS के हाथ होने का संकेत

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कोलंबो। श्री लंका में रविवार को हुए सीरियल ब्लास्ट के पीछे आतंकी संगठन ISIS के हाथ होने के संकेत मिले हैं। दरअसल, IS-समर्थक कुछ टेलिग्राम चैनलों ने सोमवार को 3 कथित आत्मघाती हमलावरों की तस्वीरों को जारी किया। बता दें कि इसाइयों के त्योहार ईस्टर के दिन राजधानी कोलंबो समेत 3 शहरों में चर्चों और होटलों पर हमले में करीब 300 लोग मारे गए थे।

टेलिग्राम चैनलों ने जाहरान हाशिन का परिचय अबु उबैदा के रूप में दिया है। टेलिग्राम चैनलों ने तीनों कथित आत्मघाती हमलावरों का नाम अबुल बर्रा, अबुल मुख्तार और अबु उबैदा बताया है। फिलहाल खुफिया एजेंसियां अमाक जैसे IS के मुखपत्रों के जरिए हमले की जिम्मेदारी लेने का अभी भी इंतजार कर रही हैं लेकिन एक सूत्र ने बताया कि इन तस्वीरों में कुछ हद तक विश्वसनीयता है क्योंकि तीनों में एक जाहरान हाशिन है जो नैशनल तवाहिद जमात (NTJ) का ऑपरेटिव है।

उबैदा सिर्फ ऐसा है की जो तीनों कथित आत्मघाती हमलावरों में जिसका फोटो बिना किसी नकाब का है। एजेंसियां अभी भी बाकी दो की पहचान की कोशिश कर रही हैं।

एक इंटेलिजेंस अफसर ने बताया की – ‘(कथित आत्मघाती हमलावरों के) जो नाम दिए गए हैं, वे वैसे ही हैं जैसे IS अबु बकर अल बगदादी के प्रति निष्ठा जताने वाले लड़ाकों को देता है। लेकिन उबैदा भी इन तस्वीरों में है और उसकी ठीक वैसी ही पृष्ठभूमि है। इससे संकेत मिलता है कि NTJ सीधे IS से जुड़ा था। इसके अलावा, तीनों तस्वीर में एक उंगली उठाए हुए हैं जो IS आतंकियों का लोकप्रिय साइन है।’

न्यू जीलैंड में एक बंदूकधारी ने 2 मस्जिदों पर हमला किया था जिसमें 50 लोग मारे गए थे। इंटेलिजेंस नेटवर्कों को इसके पीछे IS का संभावित कनेक्शन इसलिए भी दिख रहा है क्योंकि बमुश्किल एक महीने पहले IS के प्रवक्ता अबु हसन अल-मुजाहिर ने अपनी एक ऑडियो स्पीच जारी करके मुस्लिमों से न्यू जीलैंड में मस्जिद पर हमले का बदला लेने का आह्वान किया था। न्यू जीलैंड में एक बंदूकधारी ने 2 मस्जिदों पर हमला किया था जिसमें 50 लोग मारे गए थे। 44 मिनट लंबी स्पीच में मुजाहिर यह कहते हुए सुना गया कि नरसंहार से उन्हें जाग जाना चाहिए जो मूर्ख बने हुए हैं और खलीफा के समर्थकों को अपने मजहब पर हुए हमले का बदला लेना चाहिए।

भारत मैं भी अलर्ट

मुजाहिर के ऑडियो के बाद एजेंसियों ने कई ऑनलाइन मेसेजों को इंटरसेप्ट किया था, जिसमें संबंधित देशों में उपासना स्थलों पर हमले को लेकर चर्चाएं थीं। भारत के शहरों में भी उपासना स्थलों खासकर चर्चों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए एक अलर्ट जारी किया गया।

अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठन की मदद से

ऐंटी-टेरर यूनिट के एक अधिकारी ने बताया, ‘अतीत में NTJ ने कुछ बौद्ध प्रतिमाओं को तोड़ा था, वह अपने दम पर इन धमाकों को अंजाम नहीं दे सकता। ऐसा लगता है कि इस पूरे द्वीपीय देश को ही आतंक के जाल में फंसा लिया गया था। इस तरह के बड़े हमलों को अंजाम देने के लिए जरूरी विस्फोटकों, डेटोनेटरों और अन्य सामग्रियों का बंदोवस्त सिर्फ किसी अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठन के मदद से ही किया जा सकता था।’ श्री लंका में जिस बड़े पैमान पर ब्लास्ट किए गए, वह भी इशारा करता है कि कोई स्थानीय आतंकी संगठन बिना किसी अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठन की मदद के इस तरह के हमले नहीं कर सकता था।

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