नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने राफेल मामले में अपने फैसले की समीक्षा परब फिर से विचार करने की बात कही है। गुरुवार को कोर्ट ने कहा कि वह राफेल मामले में अपने फैसले की समीक्षा संबंधी मांग को लेकर दायर याचिकाओं की सुनवाई पर विचार करेगा। इससे पहले शीर्ष अदालत ने पिछले साल 14 दिसंबर को राफेल मामले में दायर जनहित याचिकाओं को खारिज कर दिया था, ये याचिकाएं पूर्व केंद्रीय मंत्रियों यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी और वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण की ओर से दायर की गई थी।
सुप्रीम कोर्ट ने उस समय कहा था कि फ्रांस से 36 राफेल जेट की खरीद को लेकर केंद्र सरकार के फैसले लेने की प्रक्रिया पर “संदेह करने का कोई मौका नहीं है”। इसके बाद वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने राफेल डील पर दायर पुनर्विचार याचिकाओं पर जल्द सुनवाई की मांग की थी।
राफेल मामले पर चार याचिकाएं की गई हैं दायर राफेल मामले पर सुप्रीम कोर्ट में चार पुनर्विचार याचिकाएं दायर की गई हैं। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने गुरुवार को कहा कि इस पर फिलहाल तारीख तय नहीं की गई है, लेकिन इन याचिकाओं पर विचार करेंगे।
साथ ही सीजेआई ने कहा कि राफेल से संबंधित सभी याचिकाओं की सुनवाई के लिए जजों की बेंच का गठन करना आवश्यक है। हम इसको लेकर जल्द फैसला करेंगे। बता दें कि इस बेंच में जस्टिस एलएन राव और जस्टिस संजीव खन्ना भी हैं।
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के लिए फिलहाल तारीख तय नहीं राफेल मामले में दायर पुनर्विचार याचिकाओं को लेकर प्रशांत भूषण ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने बताया कि आम आदमी पार्टी राज्यसभा सांसद संजय सिंह की ओर से दायर की गई समीक्षा याचिका दोषपूर्ण थी और अन्य याचिकाओं में कोई दोष नहीं था।
उन्होंने ये भी बताया कि समीक्षा याचिका के अलावा, केंद्र सरकार के अधिकारियों के खिलाफ कोर्ट में भ्रामक जानकारी देने के लिए मुकदमा चलाने की मांग को लेकर अर्जी भी दायर की गई है।
वकील प्रशांत भूषण ने की थी जल्द सुनवाई की मांग बता दें कि राफेल मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद पहली संशोधन याचिका केंद्र सरकार की ओर से दाखिल की गई, जिसमें कहा गया कि कोर्ट के फैसले में ‘सीएजी रिपोर्ट संसद के सामने रखी गई’ वाली टिप्पणी को ठीक करें। इसके अलावा प्रशांत भूषण, यशवंत सिन्हा और अरूण शौरी ने पुनर्विचार याचिका में सुप्रीम कोर्ट से राफेल को लेकर फैसले की समीक्षा करने की अपील की थी।