66 हजार वर्किंग आईफोन बने कबाड़

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    गैजेट डेस्क। आईफोन के सिक्योरिटी ऐप के एक सेफ्टी फीचर के कारण यूएस में हर साल हजारों वर्किंग फोन कबाड़ बन रहे हैं। कोलॉराडो पब्लिक इंट्रस्ट रिसर्च ग्रुप की एक रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है। रिपोर्ट में बताया गया है कि पिछले तीन सालों में करीब 66 हजार आईफोन जिन्हें रीयूज के लिए डोनेट किया गया था। वे एंटी थेफ्ट एक्टीवेशन लॉक ऑन होने के कारण काम के नहीं रहे। एक रिपोर्ट के मुताबिक यूएस में हर साल करीब 4 लाख फोन पुराने मान लिए जाते हैं, जिनमें से ज्यादातर अंत में स्क्रैपयार्ड में कबाड़ बन जाते हैं।

    स्टडी में शामिल इलेक्ट्रॉनिक रीसायकलिंग कंपनी द वायरलेस अलायंस ने कहा, कि 2018 में मिले हर 4 में से एक आईफोन में एक्टीवेशन लॉक ऑन था। जिसके कारण उन्हें दोबारा इस्तेमाल नहीं किया जा सका। वैसे एक्टीवेशन लॉक फीचर फोन को चोरों और गलत इस्तेमाल से बचाने के लिए बनाया गया है। लेकिन इसी फीचर की वजह से डोनेशन में मिले हजारों वर्किंग फोन कचरे में जा रहे हैं। इन्हें रिसायकल करके काफी खर्च और प्रकृति को नुकसान को कम किया जा सकता था। एपल के मुताबिक कंपनी द्वारा प्रोड्यूस की जा रही ग्रीन हाउस गैस में से 77% सिर्फ मैन्युफैक्चरिंग प्रोसेस से आती है।

    जानें एंटी थेफ्ट एक्टीवेशन लॉक
    एंटी थेफ्ट एक्टीवेशन लॉक फीचर आईफोन के गुम या चोरी हो जाने पर फोन को लॉक कर देता है, जिससे फोन का गलत इस्तेमाल रोका जा सके। फोन चोरी हो जाने पर ऐप के जरिए यूजर अपने फोन को आईक्लाउड लोग इन करके ट्रैक और सिक्योर कर सकते हैं।

    फोन डोनेट बॉक्स में डालने का कारण बना कबाड़
    लेकिन इस फीचर को ऑफ किए बिना फोन डोनेट करने के कारण फोन कबाड़ बन रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, ‘यदि कोई व्यक्ति फोन को डोनेशन बॉक्स में डालने से पहले उसका एक्टीवेशन लॉक बंद नहीं करता, तो उस फोन को एक पूरी डिवाइस के रूप में रियूज नहीं किया जा सकता और इस कारण फोन किसी काम का नहीं रह जाता। भारी मात्रा में फोन स्क्रैप करना वातावरण के लिए भी हानिकारक है।’ आईफोन यूजर्स अपनी मर्जी से आईफोन डोनेट कर रहे थे, ऐसे में उन्हें फोन का यह फीचर बंद करके उसके बाद फोन डोनेट करना चाहिए था।
    इससे निपटने के उपाए
    कोलॉराडो पब्लिक इंट्रस्ट रिसर्च ग्रुप के अनुसार इस स्थिति से निपटने के लिए फोन मैन्युफैक्चरर और रीसायकलर्स को साथ मिलकर काम करना होगा।
    उत्पादक और रीसायकलर्स को मिलकर एक सिस्टम तैयार करना चाहिए जिससे एक्टीवेशन लॉक वाले फोन भी अनलॉक और रीयूज किए जा सकें। रीसायकलर्स नेशनल डेटाबेस देखकर चेक कर सकते हैं कि उन्हें मिले फोन की कहीं चोरी या गुम होने की रिपोर्ट तो दर्ज नहीं की गई। ऐसे फोन्स की लिस्ट तैयार करके वे मैन्युफेक्चरर को भेज सकते हैं, ताकि मैन्युफैक्चरर फोन को अनलॉक कर सके।
    मैन्युफैक्चरर और रीसायकलर्स एक ऐसा सिस्टम भी सेट अप कर सकते हैं, जिसमें एक्टीवेशन लॉक वाला फोन डोनेट करने वाले डोनर को मैन्युफैक्चरर की तरफ से नोटिफिकेशन भेजा जाए। फोन के मालिक से डोनेशन का वेरिफिकेशन करने के बाद यूजर को नोटिफिकेशन भेजकर फोन अनलॉक करवाया जा सकता है।

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