नई दिल्ली। अमेरिकी दिग्गज वॉलमार्ट के स्वामित्व वाली ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट अब खाने पीने की दुकानें भी खोलने की तैयारी में है। चूंकि विदेशी निवेशकों को भारत में रिटेल सेक्टर के लिए मंजूरी नहीं है, इसलिए फ्लिपकार्ट ‘फूड रिटेल’ बिजनस में उतरने जा रहा है, जहां 100 फीसदी एफडीआई को मंजूरी है और फिजिकल स्टोर की स्वीकृति भी। कंपनी ने यह कदम मुंबई में पांचवां ऑनलाइन ग्रोसरी स्टोर, सुपरमार्ट खोलने के बाद उठाया है।
एक सूत्र ने वॉलमार्ट को बताया, ‘वैश्विक रूप से वॉलमार्ट की करीब 50-60% बिक्री सेल्स से होती है। ऑफलाइन स्टोर खोलना वॉलमार्ट की योजना में शामिल है।’
भारत के रिटेल मार्केट में फूड की हिस्सेदारी दो-तिहाई
वॉलमार्ट का फूड और ग्रोसरी कारोबार में दबदबा है, लेकिन एफडीआई रेग्युलेशन की वजह से भारत में उसे बिजनस टु बिजनस (B2B) होलसेल सेगमेंट में कारोबार की ही स्वीकृति है। इसके बावजूद कंपनी पीछे नहीं रहना चाहती है। फूड रिटेल सेगेंट में उतरने से वॉलमार्ट के कैश ऐंड करी बिजनस को भी मदद मिल सकती है, जिसमें अभी रेवेन्यू ग्रोथ स्लो है। भारत के रिटेल मार्केट में फूड की हिस्सेदारी दो-तिहाई है।
फ्लिपकार्ट के भारतीय प्रवक्ता ने TOI के सवालों के जवाब नहीं दिए। सूत्रों ने कहा कि ऑफलाइन स्टोर्स खोलने से फ्लिपकार्ट को फूड और ग्रोसरी मार्केट में वॉलमार्ट के अनुभव का फायदा मिलेगा।
ऐमजॉन ने ऑफलाइन फूड रिटेल मार्केट में निवेश की घोषणा की
वॉलमार्ट के प्रतिद्वंद्वी ऐमजॉन ने भी भारतीय इकाई ऐमजॉन रिटेल इंडिया के जरिए ऑनलाइन और ऑफलाइन फूड रिटेल मार्केट में 50 करोड़ डॉलर निवेश की घोषणा की है। आदित्य बिड़ला ग्रुप के फूड और ग्रोसरी रिटेल चेन ‘मोर’ में बड़ी हिस्सेदारी खरीदने के अलावा कंपनी किशोर बियानी की अगुवाई वाले फ्यूचर रिटेल में भी हिस्सेदारी ले रही है, जिसके तहत ईजी डे और बिग बाजार है।